"विदेह" ई-पत्रिका - सार्थक सम्वाद मंच "विदेह" http://www.videha.co.in/ प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिकामे ई-प्रकाशित रचनापर विदेहक ऐ चौबटिया-जालवृत्तपर सार्थक सम्वाद। गूगल द्वारा ftp सँ ब्लॉग प्रकाशित करबाक सुविधा खतम भेलाक बाद http://www.videha.co.in/videhablog.html/ आब एतए रीडाइरेक्ट भऽ रहल अछि।
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
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२०००-२०२२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक
सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि। भालसरिक गाछ जे सन २०००
सँ याहूसिटीजपर छल
http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.html ,
http://www.geocities.com/ggajendra आदि लिंकपर आ अखनो ५ जुलाइ २००४
क पोस्ट
http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html (किछु
दिन लेल
http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html लिंकपर, स्रोत
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2016- http://videha.com/ भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक
एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे
विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी
२००८ सँ "विदेह" पड़लै। इंटरनेटपर मैथिलीक पहिल उपस्थितिक यात्रा विदेह-
प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि, जे
http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ”
जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक
एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X
VIDEHA
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विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक:
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अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक)
ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात
दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति
लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।
स्थायी स्तम्भ जेना
मिथिला-रत्न, मिथिलाक खोज, विदेह पेटार आ सूचना-संपर्क-अन्वेषण सभ अंकमे
समान अछि, ताहि हेतु ई सभ स्तम्भ सभ अंकमे नइ देल जाइत अछि, ई सभ स्तम्भ
देखबा लेल क्लिक करू नीचाँ देल विदेहक 346म आ 347 म अंक, ऐ दुनू अंकमे
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इंटरनेटपर मैथिलीक प्रारम्भ हम कएने रही 2000 ई. मे अपन भेल एक्सीडेंट केर बाद, याहू जियोसिटीजपर 2000-2001 मे ढेर रास साइट मैथिलीमे बनेलहुँ, मुदा ओ सभ फ्री साइट छल से किछु दिनमे अपने डिलीट भऽ जाइत छल।
५ जुलाई २००४ केँ बनाओल “भालसरिक गाछ” जे http://www.videha.com/ पर एखनो उपलब्ध अछि, मैथिलीक इंटरनेटपर प्रथम उपस्थितिक रूपमे अखनो विद्यमान अछि। फेर आएल “विदेह” प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका http://www.videha.co.in/ पर। “विदेह” देश-विदेशक मैथिलीभाषीक बीच विभिन्न कारणसँ लोकप्रिय भेल। “विदेह” मैथिलक लेल मैथिली साहित्यक नवीन आन्दोलनक प्रारम्भ कएने अछि। प्रिंट फॉर्ममे, ऑडियो-विजुअल आ सूचनाक सभटा नवीनतम तकनीक द्वारा साहित्यक आदान-प्रदानक लेखकसँ पाठक धरि करबामे हमरा सभ जुटल छी। नीक साहित्यकेँ सेहो सभ फॉरमपर प्रचार चाही, लोकसँ आ माटिसँ स्नेह चाही। “विदेह” एहि कुप्रचारकेँ तोड़ि देलक, जे मैथिलीमे लेखक आ पाठक एके छथि। कथा, महाकाव्य,नाटक, एकाङ्की आ उपन्यासक संग, कला-चित्रकला, संगीत, पाबनि-तिहार, मिथिलाक-तीर्थ,मिथिला-रत्न, मिथिलाक-खोज आ सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक समस्यापर सारगर्भित मनन। “विदेह” मे संस्कृत आ इंग्लिश कॉलम सेहो देल गेल, कारण ई ई-पत्रिका मैथिलक लेल अछि, मैथिली शिक्षाक प्रारम्भ कएल गेल संस्कृत शिक्षाक संग। रचना लेखन आ शोध-प्रबंधक संग पञ्जी आ मैथिली-इंग्लिश कोषक डेटाबेस देखिते-देखिते ठाढ़ भए गेल। इंटरनेट पर ई-प्रकाशित करबाक उद्देश्य छल एकटा एहन फॉरम केर स्थापना जाहिमे लेखक आ पाठकक बीच एकटा एहन माध्यम होए जे कतहुसँ चौबीसो घंटा आ सातो दिन उपलब्ध होअए। जाहिमे प्रकाशनक नियमितता होअए आ जाहिसँ वितरण केर समस्या आ भौगोलिक दूरीक अंत भऽ जाय। फेर सूचना-प्रौद्योगिकीक क्षेत्रमे क्रांतिक फलस्वरूप एकटा नव पाठक आ लेखक वर्गक हेतु, पुरान पाठक आ लेखकक संग, फॉरम प्रदान कएनाइ सेहो एकर उद्देश्य छ्ल। एहि हेतु दू टा काज भेल। नव अंकक संग पुरान अंक सेहो देल जा रहल अछि। विदेहक सभटा पुरान अंक pdf स्वरूपमे देवनागरी, मिथिलाक्षर आ ब्रेल, तीनू लिपिमे, डाउनलोड लेल उपलब्ध अछि आ जतए इंटरनेटक स्पीड कम छैक वा इंटरनेट महग छैक ओतहु ग्राहक बड्ड कम समयमे ‘विदेह’ केर पुरान अंकक फाइल डाउनलोड कए अपन कंप्युटरमे सुरक्षित राखि सकैत छथि आ अपना सुविधानुसारे एकरा पढ़ि सकैत छथि।
मुदा ई तँ मात्र प्रारम्भ अछि।
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Read English translation of Gajendra Thakurs Maithili Novel Sahasrabadhani by jyoti, The translator had shown immense talent in preserving the spirit of Maithili.
The other column particularly the Archive, Audio/Video/Books/Pictures/ and old issues of Videha in Tirhuta , Devnagari and Braille too!! amazing, the collection of Mithila Ratn and Mithilak khoj (Discovery of Mithila) was tremendous.
सतीशचन्द्र झा जीक भ्रमित शब्द हुनकर गम्भीरता, कविताक स्तरक प्रति आ विचारक सेहि, दर्शित करैत अछि। निमिष झाक जीवन एकटा दुरूह कविता बड्ड प्रभावित कएलक, मैथिली कविताक भविष्य निमिषजीमे देखैत छी।
Read the poem of Satish chandra jha "bhramit shabd". It is very appreciable poem who has expressed the very pain of a poet from where the cluster of words are scattering hither and thither for want of worldly glittering.I express my thanks from the very core of my heart on his such poem.
Kichu rachna hriday ke aspandit kay dait aich. Kichu shabd ber ber dohrebak man hoit achi. Kichu kavita sutal samaj ke andolit karaich. Kichu kavi abait chaith, smriti ke ek ek panna kholiat chaith aa vartmanak unchual pehlu ke sparsh karait chaith. O swapnadarshi chaith. Sundar aa saral lekhani aa gambhir chintan hunkar majboot pakch chainh.
O kavi kiyo aur nahi balki Satish Chandra Jha Jee aa hunkar kavita "Vramit Shabd" achi.
Satish jee ke kavita sarvottam lagal. He is a complete poet and his writing is full of grace and charm. Ahina likhu ...
संपादकीय संदेश, रामभरोस कापडि भमर-गंगाप्रसादक स्वायतता, कथा-सुभाषचन्द्र यादव- दाना,प्रत्यावर्तन - दोसर खेप- -कुसुम ठाकुर,बलचन्दा (संपूर्ण मैथिली नाटक)-लेखिका - विभा रानी (दोसर खेप),कामिनी कामायनी - चुमाैन आ २.कुमार मनोज काश्यप-परजा,पन्द्रहम लोक सभा – छोट आ क्षेत्रीय दल पर रहत नजरि- फेर गठबंधनक सरकार बनबाक अछि सम्भावना- नवेन्दु कुमार झा,मैथिली भाषाक साहित्य- प्रेमशंकर सिंह (आगाँ),कथा- अवसरक निर्माण-डॉ.शंभु कुमार सिंह,श्री गंगेश गुंजनक- राधा (नवम खेप), लल्लन ठाकुर जीक किछु रचना,कामिनी कामायनी: आखिर कहिया धरि,निमिष झा- जीवन एकटा दुरुह कविता,सतीश चन्द्र झा- भ्रमित शब्द,आयल फेरो समय लगनक- रूपेश, ज्योति-कलमक टाेह,विवेकानंद झाक कविता, मिथिला कला-संगीत- हृदयनारायण झा,गद्य-पद्य भारती -मूल अँग्रेजी कथा : अनदर संडे कथाकार : गैस्पर अल्मीडा मैथिली रूपान्तरण : डॉ. शंभु कुमार सिंह,बालानां कृते-1देवांशु वत्सक मैथिली चित्र-श्रृंखला (कॉमिक्स); आ 2. मध्य-प्रदेश यात्रा आ देवीजी- ज्योति झा चौधर,भाषापाक रचना-लेखन - पञ्जी डाटाबेस (आगाँ), [मानक मैथिली], [विदेहक मैथिली-अंग्रेजी आ अंग्रेजी मैथिली कोष (इंटरनेटपर पहिल बेर सर्च-डिक्शनरी) एम.एस. एस.क्यू.एल. सर्वर आधारित -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary.],VIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILS (Festivals of Mithila date-list) 8.1.ON ENGLISH_MAITHILI DICTIONARY BY GAJENDRA THAKUR- PROFESSOR UDAYA NARAYANA SINGH,THE COMET- English translation of Gajendra Thakur's Maithili Novel Sahasrabadhani translated by Jyoti , 9. VIDEHA MAITHILI SAMSKRIT EDUCATION(contd.) old issues of VIDEHA Maithili e magazine in .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. विदेहक पुरान अंक आ ऑडियो/ वीडियो/ पोथी/ चित्रकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उच्चारण, बड़ सुख सार आ दूर्वाक्षत मंत्र सहित) VIDEHA ARCHIVE विदेह आर्काइव, मिथिलाक महान पुरुष ओ महिला लोकनिक चित्र 'मिथिला रत्न' मे मिथिलाक भारत आ नेपालक माटिमे पसरल एहि तरहक अन्यान्य प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्र, अभिलेख आ मूर्त्तिकलाक़ हेतु देखू 'मिथिलाक खोज'। मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित सूचना, सम्पर्क, अन्वेषण संगहि विदेहक सर्च-इंजन आ न्यूज सर्विस आ मिथिला, मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित वेबसाइट सभक समग्र संकलनक लेल देखू "विदेह सूचना संपर्क अन्वेषण"
सभ किछु नीक लागल। आश्चर्य लगैत अछि, विदेहक पाक्षिक नियमितता आ ताहि द्वारे आ सैह कारण अछि जे "विदेह" केँ एखन धरि (१ जनवरी २००८ सँ १३ अप्रैल २००९) ७८ देशक ७८१ ठामसँ १,६८,७०८ बेर देखल गेल अछि।
Bahut achchhi patrika hai, Badhai Maithili Boli Utnee nhin samjhta hoon. Aap chahen to meri Hindi kavitaon ka anubad maithili men karke Videha main Chhap sakte hai.
Dhanybad Surendra Raghuwanshi My Blog. surendraraghuwanshi.rediffiland.com
Get a picture of oldest specimen of Mithilakshara from Tilkeshwar-sthan (5 miles SE from Kusheshwar-sthan in Darbhanga distt), dated 203 AD Kartik Sudi.
This is my first visit of site and found is is best for us. who always need maithily books online and hope this will fullfill my requirement as well. wish a great future for the same Anil Prasad Rohtak
Gagendra Bhai aha atihasik kaj ka rahal chi. akar mulyankan awasya hatek. Apnek utkrist kaj sa je byakiti tika-tipni karait achi wo aha ka kamjor ne ka maithilik sang viswas ghat ka rahal achi. ahen Byakiti viswasi na bha sakat achi
bhai. main bahut khush hua is site ko dekh kar. main tirhut wasi hun. main bhi kaithi bhasha sikh raha hun. kya aap mujhe wska font de sakte hain. badi meharbani hogi.
"विदेह" प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका http://www.videha.co.in/:- सम्पादक/ लेखककेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, जेना:- 1. रचना/ प्रस्तुतिमे की तथ्यगत कमी अछि:- (स्पष्ट करैत लिखू)| 2. रचना/ प्रस्तुतिमे की कोनो सम्पादकीय परिमार्जन आवश्यक अछि: (सङ्केत दिअ)| 3. रचना/ प्रस्तुतिमे की कोनो भाषागत, तकनीकी वा टंकण सम्बन्धी अस्पष्टता अछि: (निर्दिष्ट करू कतए-कतए आ कोन पाँतीमे वा कोन ठाम)| 4. रचना/ प्रस्तुतिमे की कोनो आर त्रुटि भेटल । 5. रचना/ प्रस्तुतिपर अहाँक कोनो आर सुझाव । 6. रचना/ प्रस्तुतिक उज्जवल पक्ष/ विशेषता| 7. रचना प्रस्तुतिक शास्त्रीय समीक्षा।
अपन टीका-टिप्पणीमे रचना आ रचनाकार/ प्रस्तुतकर्ताक नाम अवश्य लिखी, से आग्रह, जाहिसँ हुनका लोकनिकेँ त्वरित संदेश प्रेषण कएल जा सकय। अहाँ अपन सुझाव ई-पत्र द्वारा ggajendra@videha.com पर सेहो पठा सकैत छी।
अंक 32 देखलहुँ। मिथिला मिहिरक बाद विदेह एक मात्र पत्रिका अछि जे हमरा सभक महत्वाकांक्षापर उतरल अछि।
ReplyDeleteकामिनी कामायिनी अपन कथा आ कविता दुनूसँ प्रभावित कएलन्हि। विभारानीक नाटक हुनकर रंगमंचसँ जुड़ावक़ॅ सुखद परिणामक रूपमे दर्शित अछि।
भ्रमर जीक कथा सेहो बड्ड नीक, विदेहमे हुनकर प्रायः ई दोसर कथा छलन्हि।
कुसुम ठाकुरकेँ मैथिली महिला लेखनक एकटा उदीयमान नक्षत्रक रूपमे देखि रहल छी।
सतीशचन्द्र झाक कविता नीक लागल मुदा सभसँ बेशी प्रभावित भेलहुँ विवेकानन्द झा जीक कविता सभसँ , आशा अछि भविष्यमे सेहो एहिना आ एहने कविताक ओ रसास्वादन करओताह।
कुमार मनोज काश्यपक कथा नीक लागल, हुनकर कविता सभ सेहो गत अंक सभमे पढ़ने रही। नीक रहए।
लल्लन ठाकुरजीक रचनाक प्रस्तुति स्तुत्य , निमिष झाक कविता देर सँ मुदा दुरुस्त अबैत अछि।
बालानां स्तम्भमे कनेक आर विविधताक बेगरता हमरा बुझाइत अछि। सम्पादकीय संदेश बड्ड नीक लागल।
सुभाषचन्द्र यादवक किस्सागोईसँ फराक अछि आ तेँ प्रभावित करैत अछि।
त्योँथ जीमे काफी सुधार छन्हि।
Read English translation of Gajendra Thakurs Maithili Novel Sahasrabadhani by jyoti, The translator had shown immense talent in preserving the spirit of Maithili.
ReplyDeleteThe other column particularly the Archive, Audio/Video/Books/Pictures/ and old issues of Videha in Tirhuta , Devnagari and Braille too!! amazing, the collection of Mithila Ratn and Mithilak khoj (Discovery of Mithila) was tremendous.
आइ शम्भु कुमार सिंह जीक कथा पढ़लहुँ । नीक लागल। दू भाग मे बँटल ई कथा बहुत किछु कहि गेल।
ReplyDeleteधनमा आकि धनेसर कामतिक बहन्ने।
भ्रमर जीक सुग्गाक कथा सेहो नीक लागल जे कोना जय गणतंत्र ओ सभ बजनाइ सिखलक , जखन मालिक हीया हारि गेल रहए।
गद्य पद्य भारतीमे अंग्रेजी कथाक डॉ. शम्भु सिंह द्वारा कएल अनुवाद पढ़लहुँ। बड्ड नीक लागल। तहिना मैथिली साहित्यक अंग्रेजी अनुवाद सभ सेहो नीक लागल। भाषाक गुणवत्ताक लेल अनुवाद एकटा अत्यावश्यक आवश्यकता। अमेरिकामे अपनेपर भेर रहबाक कारणेँ दोसर देशक साहित्यक पर्याप्त अनुवाद नहि भेल। आ सैह कारण अछि जे ओकर साहित्य पछुआ रहल अछि।
ReplyDeleteविवेकानन्द झाक सभटा कविता एके साँसमे पढ़ि गेलहुँ। अद्भुत।
विवेकानन्दजीक कविता सभ पढ़लाक बाद रहल नहि गेल, टिप्पणी लेल की बोर्डपर आँगुर चलितये गेल।
ReplyDeleteसभ रचना नीक मुदा अलग-अलग पैटर्नपर। विविधता लेने।
आर्काइवमे मिथिलाक्षर आ ब्रेल मे विदेहक अंक सभ देखि मोन जुड़ा गेल। ऑडियो, वीडियो, चित्र-प्रदर्शनी,आ पोथी सभक डाउनलोड, सभ नीक, गंगेश गुंजनजीक पोथी, नचिकेता जीक पोथी आ गजेन्द्रठाकुरक कोश डाउनलोड केलहुँ। धन्यवाद।
ank 32 dekhalahu.Kavita aa kahani sabta nik lagal,kichu rachana agadh bhawana me lihkal muda kichu halluk. aab sukha rahal chhand rachana me ekta SATISH Chandra Jha jee k chhand rachana "bhrmit sabt" matra me bandhal bahut nik lagal.Videha ke sabta ank nuka k rakhay jogar.Gajendra Jee ke seho Sadhubad.
ReplyDeleteनताशा चित्र श्रंखला देखलहुँ। देवांशु वत्स विदेहक बालानां कृते स्तम्भमे जान आनि देलन्हि।
ReplyDeleteकामिनी कामायिनीक कविता नीक लागल।
विदेह आर्काइवमे वीडियोक जतेक मात्रा अछि से असम्भव सन काज कएल गेल अछि, क्वालिटी कनेक निम्न छैक कतहु-कतहु, मुदा जतबेक अछि से बहुत।
विदेहक पुरान अंक तिरहुतामे देखि कए आश्चर्यित भेलहुँ, आश्चर्यित कम आह्लादित बेशी भेलहुँ।
मैथिलीमे शम्भु सिंहक अनुवाद, आ मैथिलीसँ अंग्रेजीमे ज्योतिक अनुवाद , दुनू कार्य बड्ड नीक लागल।
जाहि नियमितताक संग विदेहक 32 त अंक आबि गेल अछि से ई हमर दिनचर्याक अंग भए गेल अछि।
सम्पूर्ण अंक संग्रहणीय, कुसुम ठाकुरक उपन्यास- प्रत्यावर्तन , बहुत नीक जकाँ आगाँ जा रहल अछि। विभा रानी जीक बलचन्दा सेहो उत्तम। सुभाषचन्द्र यादव जीक कथा लीकसँ हटि कए, पंचतंत्र शैलीमे लिखल भ्रमरजीक कथा सेहो नीक लागल।
ReplyDeleteसुभाषचन्द्र यादव जीक कथा, नचिकेताजीक अंग्रेजी-मैथिली कोशक समीक्षा , मैथिली कॉमिक्स, ज्योतिक बालानां कृते, कविता आ कॉमेट सभ नीक लागल। मिथिला रत्नक संकलन अद्भुत, मिथिलाक खोज सेहो बड्ड नीक।
ReplyDeleteसम्पूर्ण आर्काइव डाउनलोड कए लेलहुँ। अंक 1 सँ 31 धरि आ प्रिंट आउट निकालि पिताजीकेँ पढबा लेल दय देलियन्हि। पिताजी अखन दिल्ली आएल छथि, जहियासँ प्रिंट देलियन्हि तहियासँ गाम जएबाक चरचा नहि क' रहल छथि, नहि तँ दिन मे 10 बेर गाम जएबाक लेल कहैत छलाह। पी.डी.एफ. डाउनलोड लेल विकेहक पुरान अंक उपलब्ध करएबा लेल धन्यवाद।
ReplyDelete1.भ्रमर जीक गंगाप्रसादक स्वायत्तता नीक लागल, गणतंत्रपर,
2. सुभाषचन्द्र जीक मोहन पढ़ि अपन इंटरवियु सभ मोन पड़ि गेल, इंटरव्युअरकेँ दिमागमे बिहारीक प्रति दुर्भाव देखने छी।
3.कुसुम ठाकुरक प्रत्यावर्तन मैथिली साहित्यक महिला लेखनकेँ एकटा सशक्तता प्रदान करत।
कथ्य शिल्प-दुनू नीक लागल।
4.विभा रानी तँ माँजल नाटककार-कथाकार छथि। मंचीय अनुभव बलचन्दामे स्पष्ट।
5. कामिनी कामायनीक चुमौन आ कुमार मनोज कश्यपक परजा दुनू छोट-छोट मुदा कसल।
6. शम्भु कुमार सिंहक कथा अवसरक निर्माणमे धनेश्वर कामति अरविन्द अडिगाक द ह्वाइट टाइगरक बलराम हलवाइ सन लगलाह। कथुय-शिल्प दुनू नीक एतहु।
7.लल्लन ठाकुरजीक नाटक बच्चामे देखने रही, हुनकर रचनाक प्रस्तुति नीक लागल।
8. कामिनी कामायनी आ निमिष झा प्रभावित कएलन्हि, कवितामे, भ्रमित शब्द (सतीश चन्द्र झा)क तँ कोनो जवाब नहि। त्योथ जी आब नीक लिखि रहल छथि। ज्योतिक आमक मोह गाम मोन पाड्क्षलक।
9. विवेकानन्द जीक कवितामे एतेक विविधता आ रस छल जे सभटा कैक बेर पढ़य पड़ल।
नीक कविक सभ लक्षण विद्यमान छन्हि हुमकामे।
10. नताशाक शैतानी देखि अपन बेटीकेँ देखय लगैत छी, ओ एकरो सँ एक डिग्री आगाँ अछि।
10.
Dear sir,
ReplyDeleteAap ka kabita fine hai....
विदेह पत्रिकाक सभ रचना स्तरीय होइत अछि, नव-पुरान लेखक, कार्टूनिस्ट, चित्रकार, शोध-प्रबन्ध एहि सभक नियमित आ गम्भीर प्रस्तुति देखि मोन गदगद भए जाइत अछि।
ReplyDeleteकुसुम ठाकुर जीक प्रत्यावर्तनक दुनू खेप एकटा नवीनता अनलक अछि।
सतीशचन्द्र झा जीक भ्रमित शब्द हुनकर गम्भीरता, कविताक स्तरक प्रति आ विचारक सेहि, दर्शित करैत अछि।
निमिष झाक जीवन एकटा दुरूह कविता बड्ड प्रभावित कएलक, मैथिली कविताक भविष्य निमिषजीमे देखैत छी।
Read the poem of Satish chandra jha "bhramit shabd". It is very appreciable poem who has expressed the very pain of a poet from where the cluster of words are scattering hither and thither for want of worldly glittering.I express my thanks from the very core of my heart on his such poem.
ReplyDeletebahut nik lagal ahhank kavita.
ReplyDeleteKichu rachna hriday ke aspandit kay dait aich. Kichu shabd ber ber dohrebak man hoit achi. Kichu kavita sutal samaj ke andolit karaich. Kichu kavi abait chaith, smriti ke ek ek panna kholiat chaith aa vartmanak unchual pehlu ke sparsh karait chaith. O swapnadarshi chaith. Sundar aa saral lekhani aa gambhir chintan hunkar majboot pakch chainh.
ReplyDeleteO kavi kiyo aur nahi balki Satish Chandra Jha Jee aa hunkar kavita "Vramit Shabd" achi.
Satish jee ke kavita sarvottam lagal. He is a complete poet and his writing is full of grace and charm. Ahina likhu ...
ALOK from Dubai
विदेह ई पत्रिकाक सूचना twitter के माध्यम सँ भेटल, बड्ड नीक लागल एकर विषय-वस्तु, आर्काइव सभटा।
ReplyDeleteकथा, उपन्यास, कविता, निबन्ध आ अनुवाद खण्ड- मैथिलीसँ अंग्रेजी आ दोसर भाषा सभसँ मैथिलीमे, दुनु तरहक।
धन्यवाद
संपादकीय संदेश, रामभरोस कापडि भमर-गंगाप्रसादक स्वायतता, कथा-सुभाषचन्द्र यादव- दाना,प्रत्यावर्तन - दोसर खेप- -कुसुम ठाकुर,बलचन्दा (संपूर्ण मैथिली नाटक)-लेखिका - विभा रानी (दोसर खेप),कामिनी कामायनी - चुमाैन आ २.कुमार मनोज काश्यप-परजा,पन्द्रहम लोक सभा – छोट आ क्षेत्रीय दल पर रहत नजरि- फेर गठबंधनक सरकार बनबाक अछि सम्भावना- नवेन्दु कुमार झा,मैथिली भाषाक साहित्य- प्रेमशंकर सिंह (आगाँ),कथा- अवसरक निर्माण-डॉ.शंभु कुमार सिंह,श्री गंगेश गुंजनक- राधा (नवम खेप), लल्लन ठाकुर जीक किछु रचना,कामिनी कामायनी: आखिर कहिया धरि,निमिष झा- जीवन एकटा दुरुह कविता,सतीश चन्द्र झा- भ्रमित शब्द,आयल फेरो समय लगनक- रूपेश, ज्योति-कलमक टाेह,विवेकानंद झाक कविता, मिथिला कला-संगीत- हृदयनारायण झा,गद्य-पद्य भारती -मूल अँग्रेजी कथा : अनदर संडे कथाकार : गैस्पर अल्मीडा मैथिली रूपान्तरण : डॉ. शंभु कुमार सिंह,बालानां कृते-1देवांशु वत्सक मैथिली चित्र-श्रृंखला (कॉमिक्स); आ 2. मध्य-प्रदेश यात्रा आ देवीजी- ज्योति झा चौधर,भाषापाक रचना-लेखन - पञ्जी डाटाबेस (आगाँ), [मानक मैथिली], [विदेहक मैथिली-अंग्रेजी आ अंग्रेजी मैथिली कोष (इंटरनेटपर पहिल बेर सर्च-डिक्शनरी) एम.एस. एस.क्यू.एल. सर्वर आधारित -Based on ms-sql server Maithili-English and English-Maithili Dictionary.],VIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILS (Festivals of Mithila date-list)
ReplyDelete8.1.ON ENGLISH_MAITHILI DICTIONARY BY GAJENDRA THAKUR- PROFESSOR UDAYA NARAYANA SINGH,THE COMET- English translation of Gajendra Thakur's Maithili Novel Sahasrabadhani translated by Jyoti , 9. VIDEHA MAITHILI SAMSKRIT EDUCATION(contd.)
old issues of VIDEHA Maithili e magazine in .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. विदेहक पुरान अंक आ ऑडियो/ वीडियो/ पोथी/ चित्रकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उच्चारण, बड़ सुख सार आ दूर्वाक्षत मंत्र सहित) VIDEHA ARCHIVE विदेह आर्काइव, मिथिलाक महान पुरुष ओ महिला लोकनिक चित्र 'मिथिला रत्न' मे मिथिलाक भारत आ नेपालक माटिमे पसरल एहि तरहक अन्यान्य प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्र, अभिलेख आ मूर्त्तिकलाक़ हेतु देखू 'मिथिलाक खोज'। मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित सूचना, सम्पर्क, अन्वेषण संगहि विदेहक सर्च-इंजन आ न्यूज सर्विस आ मिथिला, मैथिल आ मैथिलीसँ सम्बन्धित वेबसाइट सभक समग्र संकलनक लेल देखू "विदेह सूचना संपर्क अन्वेषण"
सभ किछु नीक लागल। आश्चर्य लगैत अछि, विदेहक पाक्षिक नियमितता आ ताहि द्वारे आ सैह कारण अछि जे "विदेह" केँ एखन धरि (१ जनवरी २००८ सँ १३ अप्रैल २००९) ७८ देशक ७८१ ठामसँ १,६८,७०८ बेर देखल गेल अछि।
Sampadak ji
ReplyDeleteBahut achchhi patrika hai, Badhai
Maithili Boli Utnee nhin samjhta hoon. Aap chahen to meri Hindi kavitaon ka anubad maithili men karke Videha main Chhap sakte hai.
Dhanybad
Surendra Raghuwanshi
My Blog. surendraraghuwanshi.rediffiland.com
Amazing!
ReplyDeleteThis is really wonderful concept and the cartoon drawing is very very skilled.
Best wishes
Jyoti
Get a picture of oldest specimen of Mithilakshara from Tilkeshwar-sthan (5 miles SE from Kusheshwar-sthan in Darbhanga distt), dated 203 AD Kartik Sudi.
ReplyDeleteYug yug jibathu Gajendra ji banal rahay Maithilak Soubhagya.
ReplyDeleteYug yug jibathu Gajendra ji Jarait rahay Maithilak Ahibaat.
Apnek
Surendra Kishore
skjha22@gmail.com
It is remarkable, rather amusing message
ReplyDeleteIt is interesting. Tell to me, please - where to me to learn more about it?
ReplyDelete"प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका मैथिली पोथीक आर्काइव" ke URL-https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/ par bahut nik maithili
ReplyDeletekritik sangrah ai.Bahaut bahut dhanyabad
This is my first visit of site and found is is best for us. who always need maithily books online and hope this will fullfill my requirement as well. wish a great future for the same
ReplyDeleteAnil Prasad
Rohtak
Gagendra Bhai aha atihasik kaj ka rahal chi. akar mulyankan awasya hatek. Apnek utkrist kaj sa je byakiti tika-tipni karait achi wo aha ka kamjor ne ka maithilik sang viswas ghat ka rahal achi. ahen Byakiti viswasi na bha sakat achi
ReplyDeleteDr. Rabindra Kumar Choudhary
Jamshedpur
ई एकटा अतुलनीय एवं अनुपम काज ।जतेक प्रशंसा करी कम परि जाएत ।
ReplyDeletebhai. main bahut khush hua is site ko dekh kar. main tirhut wasi hun. main bhi kaithi bhasha sikh raha hun. kya aap mujhe wska font de sakte hain. badi meharbani hogi.
ReplyDeletemera email hai: akhileshspecial@gmail.com
dhanyawad